अक्सर ही जिनपे हमें सबसे ज्यादा भरोसा होता है वही हाथ हमें ही तोड़ते हुऐ पाऐ जाते हैं अक्सर ही जिनपे हमें सबसे ज्यादा भरोसा होता है वही हाथ हमें ही तोड़ते हुऐ पाऐ जाते...
हर अहसास को सच वो समझती है तभी खुद को न्योछावर वो करती है एक मासूम कली सी होती है हर चोट सहन... हर अहसास को सच वो समझती है तभी खुद को न्योछावर वो करती है एक मासूम कली स...
पलकों पे बिठाते थे, जो मुझे हमेशा हुई शायद मुझसे, उनकी बहुत ही निराशा पलकों पे बिठाते थे, जो मुझे हमेशा हुई शायद मुझसे, उनकी बहुत ही निराशा
अगले किसी जन्म में माँ बन बेटी तुम्हें जन्मूँगी। अगले किसी जन्म में माँ बन बेटी तुम्हें जन्मूँगी।
इन दोनों सितारों को भावभीनी श्रद्धांजलि। इन दोनों सितारों को भावभीनी श्रद्धांजलि।
संतोष बाबू और सुनील कुमार, दिए मातृभूमि पर जान भी वार। संतोष बाबू और सुनील कुमार, दिए मातृभूमि पर जान भी वार।